Monday, March 24, 2025
CHATTISGARHRahul Vermaआकाशवाणी.इनकोरबा न्यूज़

दो इकाइयों से बिजली उत्पादन में सालाना 70 लाख टन कोयले की होगी खपत

आकाशवाणी.इन

कोरबा , एचटीपीपी विस्तार की दो इकाइयों से बिजली उत्पादन में सालाना 70 लाख टन कोयले की खपत होगी। साथ ही 28 एमसीएम पानी की जरूरत होगी। इस पॉवर प्लांट के निर्माण की अब तक की प्रक्रिया, जरूरी संसाधन की आपूर्ति की प्रेजेंटेशन से मुख्यमंत्री को ऊर्जा विभाग जानकारी देगा। उसके बाद संयंत्र निर्माण के लिए जनसुनवाई व अन्य प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। 12 हजार 915 करोड़ संयंत्र की अनुमानित लागत है। यहां पर 660 मेगावाट की दो इकाई स्थापित की जानी है।

पूर्ववर्ती सरकार ने छत्तीसगढ़ को ऊर्जा के क्षेत्र में नई ऊंचाई प्रदान करने जिले में 1320 मेगावाट के सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर स्टेशन का शिलान्यास किया था। उसके बाद पॉवर प्लांट स्थापना के लिए जनसुनवाई चुनाव आचार संहिता के कारण स्थगित कर दी गई। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन से भाजपा शासित सरकार की ओर से इस दिशा में पहल की ओर उत्पादन कंपनी समेत आम से खास सभी वर्ग के लोगों की नजरें टिकी हुई थी, क्योंकि एचटीपीपी पॉवर प्लांट के विस्तार से 1320 मेगावाट क्षमता की आधुनिक संयंत्र से प्रदेश बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के साथ रोजगार के नए अवसर भी बढ़ेंगे। साथ ही प्रदेश में तेज गति से हो रहे आर्थिक विकास से बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। संयंत्र स्थापना के बाद इससे भी बिजली की डिमांड के अनुसार आपूर्ति में मदद मिलेगी।

संयंत्र में 660 मेगावाट की एक इकाई से साल 2029 और 660 मेगावाट की दूसरी इकाई से साल 2030 तक बिजली उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। नए संयंत्र की स्थापना पुराने एचटीपीएस परिसर के खाली 71 हेक्टेयर खाली जमीन पर होगी। बीएमएस के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की। इस दौरान नए संयंत्र का नामकरण बिरसामुंडा या शहीद वीरनारायण सिंह के नाम पर करने की मांग की है। प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि मुख्यमंत्री की ओर से यह जानकारी दी है कि प्रेजेंटेशन से निर्माण प्रक्रिया का अवलोकन करने के बाद नए संयंत्र के निर्माण को लेकर निर्णय लेंगे। कोल लींकेज पॉलिसी से किया जाएगा सप्लाई एचटीपीपी विस्तार की दोनों इकाइयों के अस्तित्व में आने के बाद कोल लींकेज पॉलिसी से एसईसीएल कुसमुंडा से कोयले की आपूर्ति की जाएगी।

इस कारण कोयले की कोई कमी नहीं होगी। हसदेव दर्री बरॉज से पानी की जरूरत पूरी होगी। खदान से संयंत्र तक तीन कन्वेयर बेल्ट बिछाई गई है। अभी रोजाना की औसत कोयला आपूर्ति 22 हजार टन की है। खदान विस्तार से कोयला उत्पादन क्षमता बढ़ने पर खपत के अनुसार कोयले की आपूर्ति भी बढ़ाई जा सकेगी। सालाना 70 लाख टन कोयले की खपत होगी: सीई ^एचटीपीपी पॉवर प्लांट के मुख्य अभियंता संजय शर्मा ने बताया कि नए पॉवर प्लांट के दो इकाइयों से परिचालन शुरू होने पर सालाना 70 लाख टन के करीब कोयले की खपत होगी।

कोल कंपनी के साथ कोल लींकेज पॉलिसी से कोयले की आपूर्ति पर सहमति बन गई है। ऐसे में खपत के अनुसार कोयले की आपूर्ति हो पाएगी। 1320 मेगावाट पॉवर प्लांट का निर्माण शुरू होने पर यह अब तक का सबसे अधिक क्षमता का पॉवर प्लांट होगा। इसके पहले उत्पादन कंपनी की एचटीपीपी की ही 210 मेगावाट की पुरानी इकाई के बाद यहां पर 500 मेगावाट की अतिरिक्त यूनिट लगाई थी। डीएसपीएम संयंत्र की क्षमता 500 मेगावाट और मड़वा पॉवर प्लांट की क्षमता 1 हजार मेगावाट की है। ऐसे में 1320 मेगावाट पॉवर प्लांट निर्माण की योजना छत्तीसगढ़ का सर्वाधिक क्षमता का पॉवर प्लांट होगा।