जून महीने को 31 का बताकर भ्रष्टाचारियों ने बनाया बिल वाउचर, हज़म किया सरकारी पैसा, फिर भी कार्यवाई नही?
आकाशवाणी.इन
कोरबा में भ्रष्टाचारियों के काले कारनामों का चिट्ठा तो खुल गया है लेकिन कार्यवाई नहीं हो पा रही है.
ये मामला है करतला ब्लाक के ग्राम पंचायत साजापानी का जहां सरपंच, सचिव सहित रोजगार सहायक ने मिलकर शासन की धनराशि को षड्यंत्र पूर्वक लूटने की योजना बनाई और भ्रष्टाचारी अपने मंसूबे पर सफल भी हो गए. भ्रष्टाचारियों ने सरकारी खजाने में सेंध तो मारी लेकिन बिल वाउचर को 31 जून 2017 का बना दिया जबकि जून महीना 30 तारीख का होता है. इतना ही नहीं इन लोगों के द्वारा जिस फर्म का बिल वाउचर बनाकर रूपये आहरण किया गया है उस फर्म का नामो निशान भी नही है, बताया जाता है कि इस बात की पुष्टि जांच अधिकारियों ने भी की है बावजूद अब तक इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी है.
नवपदस्थ कलेक्टर को बताया गया है कि ग्राम पंचायत साजापानी में शासन के राशि को अवैध गबन एवं फर्जी रसीद/कैश मेमो जो जय हनुमान ट्रेडर्स काशीरानी चौक, क्रमांक निरंक 15 जून 2017 राशि 1 लाख 50 हजार रुपए, मोबाईल क्रमांक 7697132403 लेख है एवं 31 जून 2017 राशि 25000 रुपए के जरिए ग्राम पंचायत के तत्कालिन सरपंच, सचिवगण एवं रोजगार सहायक के द्वारा फर्जी रसीद से आहरण किया गया है। भ्रष्टाचार में यह भी ध्यान नहीं रहा कि जून महीने में 31 तारीख होती ही नहीं। इस संबंध में शिकायत पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत करतला के द्वारा जांच कर ज्ञापन 9 मई 2022 के जरिए पुलिस अधीक्षक को आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजा गया लेकिन अधिकारी बदलते गए जिससे अब तक कार्यवाई आगे नही बढ़ सकी है, अधिवक्ता शिव चौहान कहते हैं कि मुझे यकीन है जिले में नव पदस्थ तेज तर्रार कलेक्टर एसपी के पद्स्थपना से भ्रष्टाचारियों पर जल्द कार्यवाई होगी.
👉47 नग फर्जी बिल, बिना स्वीकृति राशि आहरण
जनपद पंचायत करतला के रिपोर्ट अनुसार ग्राम पंचायत साजापानी के द्वारा 2015 से 2018-19 तक कुल 47 नग बिल एवं राशि 43 लाख 10 हजार 200 रुपए का (बिना प्रशाासनिक स्वीकृति के राशि आहरण हुआ है।) उपयोग किया जाना पाया गया है। 2015-16 से 2018-19 तक सरपंच पद पर श्रीमती मोहन बाई कंवर थी तथा 2015 से मार्च 2018 तक सचिव पुष्पेन्द्र पैकरा था उसके बाद सचिव परमानंद राजवाड़े अब तक है। रोजगार सहायक लखन कंवर है (जिसे आज दिनांक तक पद से हटाया नहीं गया है।) इन सभी के द्वारा 47 नग बिल से शासन की राशि का अवैध गबन कर लिया गया है.
छत्तीसगढ़ मानव जेजेएफ के स्टेट सेके्रटरी शिवचरण चौहान ने शिकायत जनचौपाल में किया था लेकिन मुख्य कार्यपालन अधिकारी केे द्वारा संबंधित पंचायत कर्मी को बचाने के उद्देश्य से आज तक उनके विरुद्ध कार्यवाही नहीं की गई है। कलेक्टर से आग्रह किया गया है कि संबंधित को उचित आदेश, दिशा-निर्देश देने का कष्ट करें ताकि शासन के गबन राशि की यथाशीघ्र वसूली व संबंधित के विरुद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज हो सके.
