Saturday, March 15, 2025
CHATTISGARHRahul Vermaआकाशवाणी.इनकोरबा न्यूज़

पाली : प्रशासन की कार्यवाही के बाद भी अवैध ईंट भट्ठा का संचालन जारी, चोरी के कोयला से दहक रहा खदान किनारे संचालित भट्ठा, क्षेत्र में बिना अनुमति ईंट भट्ठे का कारोबार जोरो पर

आकाशवाणी.इन

कोरबा/पाली, जिले में अवैध ईंट भट्ठों के संचालन से प्रदूषित हो रहे पर्यावरण के साथ राजस्व को होने वाले आय का भी नुकसान को लेकर बिना अनुमति संचालित भट्ठों पर जिला प्रशासन की ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू हो चुकी है। खनिज व राजस्व अमले को अवैध ईंट भट्ठों पर सख्ती से कार्रवाई के निर्देश जारी किए गए है। पाली राजस्व की टीम में एसडीएम के नेतृत्व में मातहम अधिकारी- कर्मचारी क्षेत्र में चल रहे अवैध भट्ठों पर कार्रवाई में लगे हुए है।

इन सबके बीच बुड़बुड़ में संचालित सराईपाली परियोजना की कोयला खदान के समीप ग्राम तालापार जाने वाले मुख्यमार्ग से लगभग 5 सौ मीटर भीतर राहाडीह बस्ती के पीछे अवैध ईंट निर्माण व बिक्री का कार्य बेखौफ संचालित है। अब जाहिर सी बात है कि जब ईंट भट्ठा ही अवैध रूप से चलाया जा रहा है तो ईंट निर्माण में लगने वाला बालू और ईंट पकाने मे उपयोग होने वाला कोयला भी अवैध ही होगा। जी हां, खदान के किनारे बिना अनुमति ईंट निर्माण के कार्य मे आसपास नदी से निकाले गए अवैध रेत और इसे पकाने में खदान से चोरी किये गए कोयले का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। जहां एक बार मे पचास से लेकर एक लाख तक ईंट पकाया जाता है और फिर अच्छे दामों पर बिक्री किया जा रहा है। जिस ओर शायद राजस्व अमले की नजर नही पहुँच पायी है।

जानकारी के मुताबिक ईंट भट्ठा अनुमति के लिए निम्न दस्तावेज संचालक के पास होने चाहिए जिसमे स्वयं की जमीन या जमीन मालिक का सहमति पत्र, माईनिंग उत्खनन पट्टे का विधिवत आवेदन का प्रस्ताव, ग्राम पंचायत का प्रस्ताव, पर्यावरण विभाग से एनओसी, जमीन की रजिस्ट्री पंजीयन कार्यालय में आवेदन जहां खनिज विभाग के माध्यम से कलेक्टर स्वीकृत करते है व रॉयल्टी बुक के एवज में तय राशि जमा करायी जाती है। लेकिन मोटी कमाई के चक्कर मे इस नियम- कायदे को परे रख अवैध ईंट भट्ठा के संचालन से शासकीय आर्थिक क्षति पहुँचाया जा रहा है। पाली विकासखण्ड में ऐसे अनेको अवैध ईंट भट्ठे का संचालन हो रहा है। खास कर ग्राम पोड़ी क्षेत्र एवं इसके आसपास के इलाके में तो जैसे ईंट भट्ठों की भरमार है, जो वर्षों से बिना अनुमति फलफूल रहे है। हालांकि गत वर्ष यहां संचालित भट्ठों पर राजस्व टीम द्वारा कागजी कार्रवाई करते हुए खानापूर्ति की गई थी। जिसके परिणीति इस क्षेत्र में अवैध ईंट भट्ठों की संख्या में बढ़ोतरी हुई और निर्माणकर्ता बड़े पैमाने पर लाल ईंट का निर्माण कर शासकीय व निजी जमीन के साथ नदी- नालों को भी नही बख्श रहे है। ऐसे में प्रशासन की टीम द्वारा गंभीरता दिखाने से बिना अनुमति संचालित अवैध भट्ठों पर पूर्ण रूप से रोक लग सकता है अन्यथा सुनियोजित कार्रवाई के दो दिन बंद रहने बाद ईंट भट्ठे फिर से शुरू हो जाते है।