BIG BREKING: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की एक महिला खेत ज़मीन बेचकर तो दूसरी कर्ज़ लेकर बनवा रही पीएम आवास…आप भी सुनिए महिलाओं की दर्द भरी दास्ताँ…
आकाशवाणी.इन
राधिका और मीना इन दोनों बेवा महिलाओं का सनसनी खेज़ आरोप: रोजगार सहायक कृष्णा साहू ने पीएम आवास के लिए लिया तीन तीन हजार रुपये
ये जानकर आपको हैरानी होगी कि छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की ये महिला अपना खेत जमीन बेचकर अधूरे पीएम आवास को पूर्ण करवाने में जुटी हुई है, 4 से 5 वर्ष पूर्व महिला के पति के नाम से पीएम आवास स्वीकृत हुआ है , आवास निर्माण के लिए प्रथम किस्त की राशि चालीस हजार रुपए मिलने के बाद अब तक दूसरी किस्त की राशि जारी नहीं होने से आवास निर्माण अधूरा रुका है, इस महिला के अनुसार रोजगार सहायक कृष्णा साहू की गैर जिम्मेदाराना हरकत से आवास की राशि नहीं मिल सका, ऐसी स्थिति में खेत ज़मीन बेचकर अधूरे पीएम आवास का निर्माण करा रही है.
खेत ज़मीन बेचकर प्रधानमंत्री आवास निर्माण कराए जाने का ये गंभीर मामला करतला ब्लॉक के ग्राम पंचायत सुखरीकला का है जहां निवासरत बेवा महिला राधिका ताम्रे ने बताया कि उसके पति हरिराम ताम्रे के नाम से वर्ष 2019 – 20 में पीएम आवास स्वीकृत हुआ, इस दौरान हरिराम का देहांत हो गया, वर्ष 2024 – 25 में राधिका बाई को रोजगार सहायक कृष्णा साहू ने जानकारी देते हुए बताया कि आपके पति हरिराम के नाम से पीएम आवास स्वीकृत हुआ है जिसके लिए प्रथम किस्त की राशि चालीस हजार रुपए बैंक खाते में जमा हो गया है, राधिका ने बताया कि रोजगार सहायक कृष्णा साहू ने उसके पति हरिराम ताम्रे से 3 हजार रुपए बतौर रिश्वत (घुस) पूर्व में ही आवास स्वीकृत कराने के नाम पर मांग लिया, रोजगार सहायक को रुपए मिलने के बाद इसी वर्ष 2025 में आज से कुछ महीने पहले ही आवास स्वीकृत होने की जानकारी दी, आवास किस्त की पहली राशि 40 हजार रुपए खाते में आने के बाद निर्माण कार्य शुरू किया गया दूसरा किस्त जारी नहीं होने से परेशान राधिका ने अपना खेत ज़मीन बेचकर अधूरे पीएम आवास को पूर्ण करने की बात हमसे आकाशवाणी.इन न्यूज टीम से साझा की. महिला ने बताया कि वर्षों बीत जाने के बाद अब न रोजगार सहायक और न ही आवास मित्र आते हैं, बल्कि उन्हें गोलमोल जवाब देकर भ्रमित कर रहे हैं. पीएम आवास की दूसरी किस्त की राशि नहीं मिलने से महिला राधिका ने अपना खेत ज़मीन बेचकर अधूरे पड़े पीएम आवास को पूर्ण करवाने जुटी हुई है, महिला अभी अपने तीन बच्चों पुष्पा, पुष्पराज व योगेश के साथ कच्चे मकान में पॉलीथिन, चटाई ढककर जीवन यापन कर रही है.
धान बेचकर मिले पैसे और 5 % ब्याज में उधार लेकर बना रही पीएम आवास : मीना
इसी तरह बेवा महिला मीना ताम्रे ने बताया कि उन्हें भी पीएम आवास की राशि एक किस्त ही मिल सका है, दूसरे किस्त की राशि आने में हो रही देरी से परेशान मीना ताम्रे ने अपने ही गांव की समिति से 5 प्रतिशत ब्याज में रुपए लिए साथ ही धान बिक्री से मिले रुपए भी पीएम आवास निर्माण में खर्च कर दिए, मीना ने यह भी बताया कि रोजगार सहायक कृष्णा साहू ने पीएम आवास के नाम पर तीन हज़ार रुपए रिश्वत लिया और अधिकारी के आने पर अपने जेब से घर से और राशि देने की बात कही.
मीना ने यह भी बताया कि उनको रोजगार गारंटी योजना में किए गए कार्य की राशि का भुगतान नहीं हुआ है, उन्हें निराश्रित विधवा पेंशन नहीं मिल रहा है और महतारी वंदन योजना से 500 रुपए मिल रहे हैं.
खेत समतलीकरण पूरा नहीं हुआ और हस्ताक्षर लेने आ गए: घासीराम
गांव के ही घासीराम ताम्रे गुरुजी ने बताया कि वर्ष 2021 – 22 में भारीखर में डेढ़ एकड़ खेत का समतलीकरण कार्य के लिए राशि 49 हजार रूपए करीबन स्वीकृत हुआ था, लेकिन बारिश का मौसम आ जाने की वजह से समतलीकरण का कार्य अधूरा रह गया, जिसके बाद जनपद पंचायत करतला से दो व्यक्ति आकर बोले कि आपका खेत समतलीकरण कार्य पूरा हो गया है इसके लिए आपको इन कागजात पर हस्ताक्षर करने होंगे, उनकी बात सुनकर घासीराम ने आपत्ति जताते हुए कार्य अधूरा होने की जानकारी दी और हस्ताक्षर करने से साफ इंकार कर दिया, घासीराम की बात सुनकर वे लोग उल्टे पांच वापस लौट गए. घासीराम को आज भी अपने खेत का समतलीकरण कार्य पूरा होने के साथ ही कार्य पूर्ण बताकर हस्ताक्षर लेने आए लोगों के विरुद्ध कार्रवाई का इंतजार है.
ग्रामीणों का कहना है कि पीएम आवास के वर्षों से आवेदन कर रहे हैं लेकिन क्या कारण है कि हमारा आवेदन स्वीकार नहीं किए जा रहे, बल्कि जिनका राशन कार्ड बने एक वर्ष ही हुए उनका पीएम आवास स्वीकृत हो गया, वहीं रोजगार सहायक कृष्णा साहू के पूरे परिवार और रिश्तेदारों का भी आवास स्वीकृत हो गया और निर्माण भी पूर्ण हो गया, कुछ लोगों का आवास निर्माण कार्य प्रगति पर है.
इस पूरे मामले में आकाशवाणी.इन न्यूज टीम ने रोजगार सहायक कृष्णा से उनका पक्ष जानने संपर्क किया गया तो उन्होंने मानहानि का केस दर्ज करने की धमकी भी दे डाली, आप भी सुनिए…
जिला पंचायत सीईओ दिनेश कुमार नाग के दूरभाष नंबर पर दो बार संपर्क किया गया लेकिन call रिसीव नहीं किया गया.
