Wednesday, March 19, 2025
कोरबा न्यूज़

जेबीसीसीआई की 9वीं मीटिंग पर छाए संकट के बादल

कोरबा/ आकाशवाणी.इन

प्रबंधन ने बुलाई यूनियन प्रतिनिधियों की बैठक

कोयला कर्मियों के वेतन समझौता के लिए गठित जेबीसीसीआई की 9वीं बैठक पर संशय के बादल हैं। बैठक कब होगी यह तो पता नहीं है, लेकिन इससे पहले कोल इंडिया प्रबंधन ने उत्पादन और उत्पादकता विषय पर चर्चा के लिए चारों यूनियन प्रतिनिधियों को बुलावा भेजा है। बैठक 27 और 28 मार्च को सीआईएल मुख्यालय में होगी। 6 मार्च को भी इसी तरह की एक बैठक बुलाई गई थी.
कोल इंडिया प्रबंधन ने बैठक के लिए एचएमएस के नाथूलाल पांडेय, बीएमएस, के.के. लक्ष्मा रेड्डी, सीटू के डी.डी. रामनंदन और एटक के रमेन्द्र कुमार को ई-मेल के जरिए आमंत्रण भेजा है। इस बैठक को लेकर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि वित्तीय 2022-23 खत्म होने जा रहा है। कोल इंडिया उत्पादन व प्रेषण दोनों मामले में बेहतर स्थिति में है। वित्तीय वर्ष के अंतिम दिनों में बैठक के औचित्य को लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। हालांकि नवीन वित्तीय वर्ष को लेकर चर्चा की जाए तो अलग बात है.
यूनियन प्रतिनिधियों को चर्चा के लिए बुलावा के बीच जेबीसीसीआई की अगली बैठक फिलहाल टली नजर आ रही है। चर्चा है कि प्रबंधन फुल बेंच पर बैठक बुलाने से बच रहा है। 19 फीसदी एमजीबी को डीपीई द्वारा स्वीकृति दिए जाने का मामला अटका हुआ है। जेबीसीसीआई की 9वीं बैठक होने से प्रबंधन पर दबाव आएगा। फुल बेंच की बैठक में चारों यूनियन के मुख्य और वैकल्पिक सदस्यों की संख्या होती है। उत्पादन और उत्पादकता के नाम पर बैठक लेने से चारों यूनियन के एक-एक प्रमुख नेताओं को बुलाया गया है। बैठक में मुद्दा उत्पादन और उत्पादकता का उठता है या फिर वेतनमान को लेकर चर्चा होती है यह तो बैठक में ही पता चलेगा। दूसरी ओर जेबीसीसीआई की 9वीं बैठक बुलाई गई तो कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक इंटक को सम्मिलित करना होगा.
डीपीइ की गाइडलाइन का रोड़ा
कोयला कर्मियों के लिए 19 प्रतिशत मिनिमम गारंटी बेनिफिट (एमजीबी) पर बनी सहमति में डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीइ) की गाइडलाइन रोड़ा बन गयी है। 11वें वेतन समझौता के तहत बीते 3 जनवरी को कोलकाता में संपन्न जेबीसीसीआई की 8वीं बैठक में एमजीबी पर सहमति बनी थी। ढाई महीने होने को हैं, समझौते पर अभी तक कोयला मंत्रालय की मुहर नहीं लगी है। इस बीच, डीपीई के दिशा-निर्देशों का हवाला देते हुए कोयला मंत्रालय ने बीते 13 मार्च को कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल को एक पत्र लिखा, जिसमें 19 प्रतिशत मिनिमम गारंटी बेनिफिट (एमजीबी) पर बनी सहमति पर कई तरह के सवाल उठाये हैं। मंत्रालय के सेक्शन ऑफिसर सेवक पॉल के हस्ताक्षर से जारी पत्र चेयरमैन सह मैनेजिंग डायरेक्टर को लिखे पत्र में इस पर जवाब-तलब किया गया है.