Saturday, April 19, 2025
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महानदी जल विवाद के अंतर्गत न्यायाधिकरण की टीम आएगी कोरबा,

कोरबा/ आकाशवाणी.इन

नई दिल्ली के अध्यक्ष के साथ ओडिशा की टीम होगी साथ

महानदी जल विवाद को लेकर बनी महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण नई दिल्ली और ओडिशा से न्यायाधीश, अधिवक्ता और अफसरों की टीम हसदेव नदी पर बने बांगो बांध, दर्री बराज व एनीकट का मुआयना करने आएगी। उनका 1 और 2 मई को आने का कार्यक्रम तय हुआ है.
न्यायाधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस हैं। टीम में 20 सदस्य हैं, जिसमें जस्टिस, अफसर और विशेषज्ञ शामिल है। छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच महानदी जल विवाद को लेकर ट्रिब्यूनल की टीम 17 से 21 अप्रैल तक पहले चरण में दुर्ग, महासमुंद, रायगढ़ का दौरा कर चुकी है। दूसरे चरण में 29 अप्रैल से 3 मई तक दौरा कार्यक्रम जारी हुआ है। टीम कोरबा जिले का 1 और 2 मई को दौरा करेगी।
कोरिया जिले से निकली हसदेव नदी आगे जाकर जांजगीर-चांपा जिले के बसंतपुर के पास महानदी में मिलती है। महानदी जल विवाद को लेकर ट्रिब्यूनल की टीम जिले में पहुंच रही है। बांगो बांध से ही पूरा जांजगीर-चांपा जिला सिंचित है। यहां से 14 उद्योगों को भी पानी मिलता है। ट्रिब्यूनल की टीम सहायक नदियों पर बने बांध और एनीकट का निरीक्षण कर रही है। टीम बांगो बांध को देखने के साथ ही कुदरी बराज को भी देखेगी। 2 मई को बसंतपुर बराज का निरीक्षण करेंगे। हसदेव बांगो बांध वर्ष 1992 में बनकर तैयार हुआ। इसका जलस्तर 359.66 मीटर रहता है। इसके पहले 1964-65 में दर्री बराज बनकर तैयार हो गया था। बराज से ही सिंचाई के साथ ही औद्योगिक संस्थानों को पानी दिया जाता है। अभी रोज बरात से एक गेट खोल कर पानी छोड़ा जा रहा है ताकि नीचे पानी का बहाव कम ना हो.
यह है विवाद का कारण
ओड़ीसा सरकार ने महानदी पर बने 6 बैराजों के कारण गैर मानसून अवधि में महानदी में पानी कम आने की शिकायत केंद्र सरकार से की है। इसके साथ ही जल का बंटवारा करने के लिए भी आवेदन दिया है। इसके बाद 12 मार्च 2018 को केंद्र शासन ने अधिसूचना जारी कर महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण का गठन किया है.