एटक कार्यालय में मनाया गया मजदूर दिवस
कोरबा/ आकाशवाणी.इन
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर एटक कार्यालय में कामरेड दीपेश मिश्रा के द्वारा ध्वजारोहण किया गया। अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर दीपेश मिश्रा ने कहा कि आज से 137 वर्ष पहले अमेरिका के शिकागो शहर में 8 घंटे कार्य दिवस सवाल को लेकर पूंजीपतियों के खिलाफ लाखों मेहनतकश मजदूरों ने लामबंद होकर आंदोलन किया था। जिसे कुचलने के लिए पुलिस प्रशासन ने निहत्थे मजदूरों का कत्लेआम किया, जिसमें कई मजदूरों की जान चली गई। इस मजदूर आन्दोलन ने पूरी दुनिया को झकझोर दिया और इसका इतना गहरा असर हुआ कि 8 घंटे कार्य दिवस को पूरे दुनिया ने स्वीकार कर लिया। अब केंद्र सरकार कोविड-19 के आड़ मे श्रम कानूनों मे बदलाव लाकर 8 घंटे कार्य दिवस को 12 घंटे किए जाने का योजना बना रही है। इसी तरह कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए 44 श्रम कानूनों को 4 संहिताओं में समेटने का नोटिफिकेशन पब्लिक डोमेन मे ले आई है.
उन्होंने आगे कहा कि मौजूदा सरकार ने अपने कार्यकाल में सिर्फ निजीकरण की नीतियों को आगे बढ़ाते हुए कई सरकारी क्षेत्रों का निजीकरण किया। यहां तक कि कुछ चुनिंदा कारपोरेट घरानों के इशारे पर सरकारी संपत्तियों को कौडिय़ों के मोल बेच दिया, जिसका देश के केंद्रीय श्रम संगठन विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार कोयला मजदूरों के 11वां वेतन समझैता रोकने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है, परंतु कोयला मजदूर सरकार के कोशिश को चट्टानी एकता के साथ विफल कर देगी।
कार्यक्रम में कामरेड एन.के. दास, राजू श्रीवास्तव, राजेश दुबे, सुभाष सिंह, राजेश पांडे, भागवत सिंह, एस.एन. गिरी, आशीष डे, देवेंद्र पाल सिंह, एन.के. साव, रामलाल साहू, जॉय मुखर्जी, मृत्युंजय कुमार, सुबोल दास, देवाशीष डे, सौखीलाल चंद्रा, मोहम्मद इलियास, उज्जवल बनर्जी, अशोक रजक, प्रवीण धिरेंद, लखन, जवाहरलाल चंद्रा रंजन राम, विश्वजीत, श्यामलाल साहू, अरूण राठौर, जयकुमार राठौर, अशोक राय, मनोज श्रीवास, बी.एल. चंद्रा, अनंतानंद झा आदि के साथ अन्य उपस्थित रहे.
