पशु पक्षी भी समझते हैं प्रेम की भाषा, वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम ने बाज़ को पानी पिलाया और खाना भी खिलाया
राहुल वर्मा-कोरबा/आकाशवाणी.इन
छत्तीसगढ़ के कोरबा से मन को मोह लेने वाला एक वीडियो सामने आया हैं जिसको देख कर आप भी कहेंगे की पशु पक्षी भी प्रेम की भाषा समझते हैं. जी हाँ ऐसा ही कुछ देखने को मिला कोरबा जिले के कृष्णा नगर में रह रहे दीपक दास महंत के घर में जब एक बाज़ आकर बैठ गया और वह उड़ने में सक्षम नहीं था. बाज को बचाने के उद्देश्य से घर वालों ने वन्य प्राणी के संरक्षण में काम कर रही संस्था वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम अध्यक्ष वन विभाग सदस्य जितेन्द्र सारथी को सूचना दिया गया.
जितेन्द्र सारथी अपने टीम के सदस्य देवाशीष राय, बबलू और कमल के साथ मौके स्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चालू किया. डरा सहमा बाज़ एक जगह बैठा रहा जिसको पहले जितेन्द्र सारथी ने अपने विश्वास में लिया और बाज़ से बात करने लगे. इस नजारे को देख ऐसा लगा मानो बाज़ उनकी भाषा समझ रहा हो. गर्मी ज्यादा होने की वज़ह से पहले बाज़ को पानी पिलाया गया फ़िर उसको मांस का टुकड़ा खिलाया गया. बाज ने भी उनके दिए पानी व चारा को बड़े चाव से खाया.
इस पूरे रेस्क्यू में पानी पिलाने से लेकर खाना खिलाने तक बाज़ पक्षी जितेन्द्र सारथी की बातों को ऐसे मान रहा था मानो वो उसकी बात को समझ रहा हो.
कहते हैं प्यार की भाषा सब समझते हैं. आखिकार उसको जंगल में छोड़ दिया गया.
जितेन्द्र सारथी ने बताया इंसान से ज्यादा वफादार जानवर होता है. आप उनसे प्रेम करो तो वो खुद ही आप के प्रेम को महसूस कर लेते हैं, हम सबको अपने अन्दर प्रेम, करुणा और दया की भावना रखना चाहिए, जब भी इस तरह के जीव जन्तु दिखे हमारी संस्था या वन विभाग को सूचित करें.
एक प्रसिद्ध शिकारी पक्षी के नाम से बाज को जाना जाता है, बाज चील से छोटा मगर उससे अधिक भयंकर खूंखार होता हैं. इसका रंग मटमैला पीठ काली और इसकी आँखें लाल होती है, यह आकाश में उड़ती हूई छोटी मोटी चिड़ियों और कवूतरों आदि को झपटकर पकड़ लेता है. बाज के शौकीन लोग इसे दूसरे पक्षियों का शिकार करने के लिये भी पालते हैं.
वाइल्डलाइफ रेस्क्यू टीम कोरबा
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